हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस रिवायत को "अलफाकीह"पुस्तक से लिया गया है। इस कथन का पाठ इस प्रकार है:
:قال الامام الصادق علیه السلام
لا تَكسَلوا في طَلَبِ مَعايِشِكُم؛ فَإِنَّ آباءَنا كانوا يَركُضونَ فيها و يَطلُبونَها.
हज़रत इमाम जफार सादीक अलैहिस्सलाम फरमाया:
अपने रिज़्क की तलाश में सुस्ती ना करो, कि हमारे बाप दादा इसलिए दौड़ धूप और उसकी तलाश करते थें।
अलफाकीह,3/175/3576